एक ऐसी पारिवारिक कहानी जिसमें बेटा अफ़सर है और बाप रेलवे का कुली। एक ऐसी पारिवारिक कहानी जिसमें बेटा अफ़सर है और बाप रेलवे का कुली।
एक लघुकथा...। एक लघुकथा...।
मोरल - मोरल वोरल कुछ नहीं ! बस आजकल के बुजुर्गों को बेबस, लाचार और कमजोर समझने की गलती कभी मत करो, क... मोरल - मोरल वोरल कुछ नहीं ! बस आजकल के बुजुर्गों को बेबस, लाचार और कमजोर समझने क...
अब तक कमला बिल्कुल बदल चुकी थी । सारे मोहल्ले वाले इसी अचरज में थे कि इसमें इतना बदलाव भला आया तो आय... अब तक कमला बिल्कुल बदल चुकी थी । सारे मोहल्ले वाले इसी अचरज में थे कि इसमें इतना...
‘‘बुढ़िया का फैशन देखा ! यह क्या मरने वाली है जल्दी ? मिले तो मरद कर ले।’’ उसने सुना था लक्ष्मी किसी ... ‘‘बुढ़िया का फैशन देखा ! यह क्या मरने वाली है जल्दी ? मिले तो मरद कर ले।’’ उसने स...
गाँव के बाहर एक कुआँ था - रहता तो हमेशा पानी से भरा था, पर काम कम ही आता था| असल मे बहुत साल पहले वो... गाँव के बाहर एक कुआँ था - रहता तो हमेशा पानी से भरा था, पर काम कम ही आता था| असल...